Sunday, May 25, 2008

नयी शुरुआत

कतरा कतरा जिन्दगी की शुरुआत, मेरे सहयोगी अनिल कुमार वर्मा की वजह से हो सकी है ... इसके लिए उनको धन्यववाद ... काफी समय से ब्लॉग बनाकर विचारों की दुनिया में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की सोच रहा था ... लेकिन हर बार किसी न किसी कारण से ब्लॉग बनाने में असफल रहा ... लेकिन कल यह शुभ शुरुआत हो ही गयी ... लिहाजा विचारों के इस महासमर में एक और सैनिक उतर पड़ा है ... लेकिन फिर भी एक संशय है दिमाग में ... कि आखिर इस लड़ाई की मंजिल क्या है ... क्योंकि विचारों को व्यक्त करना ही तो सिर्फ ध्येय नहीं है ... आखिर इसका कोई उद्देश्य भी तो होना चाहिये ... ब्लागर्स की इस दुनिया में हजारों लोग रोज नित नये विचारों के साथ आते हैं ... अलग अलग विषयों पर अपनी राय पोस्ट करते हैं ... लेकिन इनका उद्देश्य क्या है ... ब्लॉग पर लिखे विचारों को पढ़ा अपनी प्रतिक्रिया दी ... और हो गयी इतिश्री ... कहीं न कहीं कुछ missing है ... मेरा मानना है कि विचारों की इस लड़ाई का कोई उद्देश्य या फिर कोई न कोई मंजिल जरुर होनी चाहिये ... यह मंजिल क्या हो इस पर मैं तो विचार करूंगा ही ... अगर कोई मेरे इस ब्लॉग को पढ़ रहा है तो कृपया जरुर लिखे ...

3 comments:

सुबोध said...

आपका ब्लॉग देखकर कितना अच्छा लगा बता नहीं सकता...इस शुरुआत के लिए आपको बहुत बहुत बधाई

अनिल कुमार वर्मा said...

ऋतुराज जी,
अब जबकि आप ब्लागर्स की दुनिया में शामिल हो गए हैं तो आपकी शंकाओं के समाधान भी ढूंढ लिए जायेंगे। फिलहाल तो आपने विचारों की दुनिया में कूदकर हमारे सहयोगियों की जो संख्या बढ़ाई है उसके लिए धन्यवाद। लिखना शुरू करिए, उद्देश्य भी मिलेगा और उसमें सफलता भी।

Unknown said...

kya baat hai..khabaro ke mahasamar me aate hi aapne to ghamasaan macha diya...aap akele hi ek fauj ke barabar hai
banwari, dushyant